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Sunday, 3 November 2024

Uga he suruj dev // उग सुरू हे ज देव

 







आए.............आए........................आए........................

उग हे सुरूज देव भईल भिनुसारवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो

बरती पुकारे देवा दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो


बाझिन पुकारे दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो

आन्हरा पुकारे दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो


आए.............आए........................आए........................

निरजन पुकारे दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो

कोढ़िया पुकारे दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो


लागंडा पुकारे दुनु कर जोरवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो

उग हे सुरूज देव भईल भिनुसारवा अरघ के रे बेरवा पुजन के रे बेरवा हो

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Monday, 22 May 2023

जय श्री राम //Jai Shri Ram

 








तेरे ही भरोसे है हम, तेरे ही सहारे

दुविधा के घड़ी में ये मन, तुझको ही पुकारे

तेरे ही बल से, है बल हमारा 

तुही करेगा मंगल हमारा

मंत्रों से बढ़के तेरा नाम

जय श्री राम-जय श्री राम

जय श्री राम-राजा राम

जय श्री राम-जय श्री राम

जय श्री राम-जय श्री राम

..............म्यूजिक...................

थर थराए धारा को धनुष लेके आता है तू (जा...रे ओ-साथी)

जो असंभव को संभव करे वह विधाता है तू (जा...रे ओ-साथी)

सूर्यवंशी जन्म से (ओ...ओ...ओ-साथी)

और राजा धर्म से (ओ...ओ...ओ-साथी)

जो लड़े सारे दम से 

वो तेज तुझ में भरा

व्रज छाती पे रोके (ओ...ओ...ओ-साथी)

वो समुद्रों के शौपे (ओ...ओ...ओ-साथी)

जो रहे तेरा होके

होके रहे जो तेरा

तेरे ही बल से, है बल हमारा 

विश्वास तुझपे, अविजय हमारा

तुझ से भी बढ़के तेरा नाम

जय श्री राम-जय श्री राम

जय श्री राम-राजा राम-3

जय श्री राम-जय श्री राम

-------------th end-----------

Friday, 31 March 2023

राम जी के निकली सवारी // Ram Ji Ke Nikali Savari


 







ओ.............................ओ..................ओ......

सरपे मुकुट सजे मुखपे उजाला- मुखपे उजाला

हाथ धनुष गले में पुष्प माला

हम दास इनके, ये सबके स्वामी

अन्जान हम ये अन्तरयामी

शीश झुकाओं राम धुन गाओं

बोले जय विष्णु के अवतारी

राम जी के निकली सवारी

राम जी के लीला है न्यारी (दोनों पंक्ति को दोहराएं)

एक तरफ लक्ष्मण, एक तरफ सीता

बीच में जगत के पालनहारी

राम जी के निकली सवारी

राम जी के लीला है न्यारी (दोनों पंक्ति को दोहराएं)


धीरे चला रथ ओ रथ वाले

तोहे खबर क्या ओ भोले भाले-2

एक बार देखें जी ना भरेगा

सौर बार देखों फिर जी करेगा

व्याकुल पड़े है, कबसे खड़े है-2

दर्शन के प्यासे सब नर नारी

राम जी के निकली सवारी

राम जी के लीला है न्यारी-न्यारी (दोनों पंक्ति को दोहराएं)


चौदह बरस का बनवास पाया

माता-पिता का वचन निभाया-2

धोखे से हरली रावण ने सीता

रावण को मरा लंका को जीता-2

कब-कब ये आये, तब-तब ये आये-2

जब-जब ये दुनिया इनको पुकारी

राम जी के निकली सवारी

राम जी के लीला है न्यारी (दोनों पंक्ति को दोहराएं)

एक तरफ लक्ष्मण, एक तरफ सीता

बीच में जगत के पालनहारी

राम जी के निकली सवारी

राम जी के लीला है न्यारी (दोनों पंक्ति को दोहराएं)-3

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Sunday, 25 September 2022

ओ आये तेरे भवन / O Aaye Teri Bhavan








ओ आये तेरे भवन, दे दे अपनी शरण-2

रहें तुझे में मगन, थाम कर ये चरण

तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, हे माता जलती रहे-2

ओ आये तेरे भवन, दे दे अपनी शरण

रहें तुझे में मगन, थाम कर ये चरण

तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, हे माता जलती रहे-2


उत्सव मनायें नाचें गाएं-2

चलो मईया के दर जाएं

जय माता दी-जय माता दी

जो से बोलों, जय माता दी

चारों दिशाएं चार खंभे बनी हैं

मंडप पे आसमां के चादर तनी है

सूरज भी किरणों की माला ले आया

कुदरत ने धरती का आंगन सजाया

करके तेरे दर्शन, झुमें धरती गगन

सनन गाएं पवन, सभी तुझमें मगन

तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, हे माता जलती रहे

हो तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, हे माता जलती रहे


फूलों ने रंगों से रंगोली सजायें-2

सारी धरती ये महकायें

जय माता दी-जय माता दी

जो से बोलों, जय माता दी

चरणों में बहती गंगा की धारा

आरती का दीप लगे हर इक सितारा

पुरवईया देखों चंवर कैसे डोलायें

ऋतुयें भी माता का झुला झुलायें

ओ पाके भक्ति का धन, हुआ पावन ये मन

करके तेरा सुमिरन, खुले अंतर नयन

तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, हे माता जलती रहे-2

ओ आये तेरे भवन, दे दे अपनी शरण

रहें तुझे में मगन, थाम कर ये चरण

तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, हे माता जलती रहे

हो तन मन में भक्ति ज्योत तेरी, हे माता जलती रहे

-------------------the end----------------------------


Saturday, 24 September 2022

धरती गगन में होती है / Dharati Gagan Mein Hoti Hai

 








जय-जय शेरावाली माँ

जय-जय मेहरावाली माँ

जय-जय ज्योतावाली माँ

जय-जय लाटावाली माँ


जयकारा शेरावाली दा

बोल सचे दरबार की जय


धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार हो मईया

ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार 

दुनिया तेरा नाम जापे हो-दुनिया तेरा नाम जपे तुझको पुजे संसार

हो मईया धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार


सरस्वती महालक्ष्मी काली तीनों की तू प्यारी

गुफा के अन्दर तेरा मंदिर तेरी महिमा न्यारी

शिव की जटा से निकली गंगा आई ,शरण तिहारी

आदि शक्ति आदि भवानी तेरी शेर सवारी

हे अम्बे हे माँ जगदम्बे करना तू इतना उपकार

आये हैं तेरे चरणों में देना हमको प्यार

धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार हो मईया

ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार 


ब्रह्मा विष्णु महेश भी तेरे आगे शीश झुकायें

सूरज चाँद सितारे तुझेसे उजियारा ले जायें

देव लोक के देव भी मईया तेरे ही गुण गायें

मानव करे जो तेरी भक्ति भवसागर तर जायें

हे अम्बे हे माँ जगदम्बे करना तू इतना उपकार

आये हैं तेरे चरणों में देना हमको प्यार

हो मईया धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार

हो मईया ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार 

दुनिया तेरा नाम जापे हो-दुनिया तेरा नाम जपे तुझको पुजे संसार

हो मईया धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार 

हो मईया ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जयकार

हो.......हो............हो.............हो............हो...........2

--------------------the end-------------------------