> ROJ KA GEET: March 2024

Friday, 29 March 2024

Mujhe roop ne kahika nahi chhoda // मुझे रूप ने कही का नहीं छोड़ा


 







रूप का बड़ा गुरूर था मुझको रंग का बड़ा गुमान

इसी रूप के कारण पड़ गई मुश्किल में मेरी जान


मुझे रूप ने कही का नहीं छोड़ा

ऐसे गलियों में लाके दिल तोड़ा

कि घुंगरू बांध लिए 

मैंने ये घुंगरू बांध लिए


ओ........ ओ........ ओ........

बुझ गए सूरज चाँद सितारे, रह गए मेरे साथ अंधेरे

हुश्न की गलिया जन्नत मेरी, घुंगरू आज नसीब है मेरे

कहां जाना था मैं कहां चली आई

ऐसी किस्मत ने ठोकर लगाई

कि घुंगरू बांध लिए 

मैंने ये घुंगरू बांध लिए-3

मुझे रूप ने कही का नहीं छोड़ा

ऐसे गलियों में लाके दिल तोड़ा

कि घुंगरू बांध लिए 

मैंने ये घुंगरू बांध लिए


ओ........ ओ........ ओ........

कोई खीचे आँचल मेरा कोई बढ़के पकड़े कलाई

बोले सब नीलामी बोली कोई सुनेना दिल की दुहाई

मैंने सोचा था मिलेगा कोई साजना

मुझे पहनाया किसी ने ना कंगना

कि घुंगरू बांध लिए 

मैंने ये घुंगरू बांध लिए-3

मुझे रूप ने कही का नहीं छोड़ा

ऐसे गलियों में लाके दिल तोड़ा

कि घुंगरू बांध लिए 

मैंने ये घुंगरू बांध लिए-3

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