> ROJ KA GEET: November 2022

Friday, 25 November 2022

दिल है कि मानता नहीं / Dil hai ki manta nahin

 








दिल है कि मानता नहीं-दिल है कि मानता नहीं

मुश्किल बड़ी है रश्में मोहब्ब्त, ये जानता ही नहीं

हो.. दिल है कि मानता नहीं-दिल है कि मानता नहीं

ये बेकारारी क्यों हो रही है, ये जानता ही नहीं

हो.. दिल है कि मानता नहीं-दिल है कि मानता नहीं


दिल तो ये चाहे, हर पल तुम्हे हम, बस यूही देखा करे

मरके भी हम ना, तुमसे जुदा हो, आओ कुछ ऐसा करे

मुझमें समा जा, आ पास आजा, हमदम मेरे हमनशी

दिल है कि मानता नहीं-दिल है कि मानता नहीं


हम तो मोहब्बत, करके तुमसे, हमको है बस इतनी खबर

तन्हा हमारा, मुश्किल था जीना, तुम जो ना मिलते अगर

बेताब साँसे, बेचैन आँखें, कहेने लगी बस यहीं

दिल है कि मानता नहीं-दिल है कि मानता नहीं

ये बेकारारी क्यों हो रही है, ये जानता ही नहीं

हो.. दिल है कि मानता नहीं-दिल है कि मानता नहीं

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Sunday, 20 November 2022

हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चाँद // Ham to hai pardesh mein desh mein nikla hoga chand

 








हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चाँद-2

अपनी रात की छत पर कितना, तन्हा होगा चाँद हो

हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चाँद


जिन आँखों में काजल बनकर, तैरी काली रात हो

जिन आँखों में काजल बनकर, तैरी काली रात

उन आँखों में आंसु का एक, कतरा होगा चाँद हो

हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चाँद


रात ने ऐसा पेच लगाया, टुटी हाथ से डोर हो

रात ने ऐसा पेच लगाया, टुटी हाथ से डोर

आंगन वाले नीम में जाकर, अटका होगा चाँद हो

हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चाँद


चाँद बिना हर दिन यू बिता, जैसे युग बिते हो

चाँद बिना हर दिन यू बिता, जैसे युग बिते

मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चाँद हो

हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चाँद

अपनी रात की छत पर कितना, तन्हा होगा चाँद हो

हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चाँद

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Saturday, 19 November 2022

गाँव मेरा मुझे याद आता रहा // Ganv mera mujhe yaad aata raha

 








वक्त का ये परिंदा रूका है कहाँ,

मैं था पागल जो इसे बुलाता रहा

चार पैसे कमाने मैं आया शहर,

गाँव मेरा मुझे याद आता रहा-2

वक्त का ये परिंदा रूका है कहाँ...


लौटता था मैं जब पाठशाला से घर,

अपने हाथों से खाना खिलाती थी माँ

रात में अपनी ममता के आँचल तले,

थपकिया देके मुझको सुलाती थी माँ

सोच के दिल में एक टीस फुटती रही,

रात भर दर्द मुझको जगाता रहा

चार पैसे कमाने मैं आया शहर,

गाँव मेरा मुझे याद आता रहा-2

वक्त का ये परिंदा रूका है कहाँ...


सबकी आँखों में आंसु छलक आये थे,

जब रवाना हुआ था शहर के लिए

कुछने माँगी दुवाएं की मैं खुश रहू,

कुछने मंदिर जाकर जलाएं दिए

एक दिन मैं बनूंगा बड़ा आदमी,

ये था सबर उन्हें गुदगुदाता रहा

चार पैसे कमाने मैं आया शहर,

गाँव मेरा मुझे याद आता रहा-2

वक्त का ये परिंदा रूका है कहाँ...


माँ ये लिखती है हर बार खत में मुझे,

लौट आया मेरे बेटे तुझे है कसम

तु गया जबसे परदेश बेचैन हूँ,

नींद आती नहीं भुख लगती है कम

कितना चाहा ना रोउ मगर क्या करूं,

खत मेरी माँ का मुझको रूलाता रहा

चार पैसे कमाने मैं आया शहर,

गाँव मेरा मुझे याद आता रहा-2

वक्त का ये परिंदा रूका है कहाँ,

मैं था पागल जो इसे बुलाता रहा

चार पैसे कमाने मैं आया शहर,

गाँव मेरा मुझे याद आता रहा-4

------------the end------------

Friday, 18 November 2022

आज पहली बार दिल की बात की है // Aaj pahli baar dil ki baat ki hai

 








अब तक मैं चुप रहता था

तुझसे कुछ नहीं कहता था

कबसे दिल दिवाना था

खुदसे भी बेगाना था

हमने कई बार मुलाकात की है

आज पहली बार दिल की बात की है-4


अब तक मैं चुप रहती थी

तुझसे कुछ नहीं कहती थी

कबसे मैं दिवानी थी

खुदसे भी बेगानी थी

हमने कई बार मुलाकात की है

आज पहली बार दिल की बात की है-4


ईयू मिली थी नजर से नजर, मैं तुझे प्यार करने लगा था-2

मेरा सौदा ये दिल बेखबर, इन आदाओं पे मरने लगा था

राजे दिल छुपाता था

कुछ ना बोल पाता था

इन बहके नजारों से

कहदू चाँद सितारों से

मैने बफा तेरे साथ की है

आज पहली बार दिल की बात की है-4


चोरी-चोरी मेरे हम सफर, ख्वाब तेरे सजाने लगी थी-2

सारी दुनियाँ को मैं भुलके, तेरे नजदीक आने लगी थी

वो जो शाम गुजरती थी

तेरे नाम गुजरती थी

तेरी याद सताती थी

मुझको नींद ना आती थी

मुझेना पसंद जैसे रात की है

आज पहली बार दिल की बात की है-4

अब तक मैं चुप रहता था

तुझसे कुछ नहीं कहता था

कबसे मैं दिवानी थी

खुदसे भी बेगानी थी

हमने कई बार मुलाकात की है

आज पहली बार दिल की बात की है-4

------------the end-------------------

Thursday, 17 November 2022

Hamse jyada kahi pyar hona jay // हमसे ज्यादा कही प्यार होना जाए

 








हो.......................................................................

मिलने से डरता है दिल इकरार हो ना जाए-2

ना मिलो...........ना मिलो......ना मिलो......

हमसे ज्यादा कही प्यार होना जाए

कही प्यार होना जाए - कही प्यार होना जाए (पूरी पंक्ति दोहराएं)


बेताबी..... क्या होती जाने ना दिल

क्या बोलो, कहना थी पाने ना दिल

देखो ना ए हमको, चाहो सनम

चाहत की राहो में, है दर्द गम

कितनी पास है फिर भी दूर है

दोनों इश्क में क्यों मजबूर है

हो.......................................................................

नजरों का तीर दिल के कही पार होना जाए

ना मिलो...........ना मिलो......ना मिलो......

हमसे ज्यादा कही प्यार होना जाए

कही प्यार होना जाए - कही प्यार होना जाए


दीवाना...... कर देना दिवानापन कहते है

इश्क पे ना जोर सनम

जानेमन जानेजा, ये दिल लगी

देखो ना बन जाए, दिल की लगी

वो कैसा दर्द है, वो कैसा हाल है

अबना होश है, अबना ख्याल है

हो.......................................................................

कही जीना मरना भी दुसवार होना जाए

ना मिलो...........ना मिलो......ना मिलो......

हमसे ज्यादा कही प्यार होना जाए

कही प्यार होना जाए - कही प्यार होना जाए


मिलने से डरता है दिल इकरार हो ना जाए

ना मिलो...........

हमसे ज्यादा कही प्यार होना जाए

कही प्यार होना जाए - कही प्यार होना जाए

---------------the end----------------------