ओ...............................ओओ...........ओ.....................4
संदेशे आते है हमे तड़पाते है
जो चिट्ठी आती है ओ पूछे जाती है
कि घर कब आओगे -2 लिखों कब आओगे
कि तुम बिन ए घर सुना - सुना है (चारों पंक्तियाँ दोहराएं)
..............................म्यूजिक........................................
किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने
हमे खत लिखा है कि हमसे पूछा है........
किसी की सांसों ने किसी की धड़कन ने
किसी की चुड़ी ने किसी के कंगन ने.........
किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने
महंकती सुबहो ने मचलती शामों ने
अकेली रातों ने अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने और पूछा है दरशी निगाहो ने
कि घर कब आओगे -2 लिखों कब आओगे
कि तुम बिन ए दिल सुना - सुना है
संदेश आते है हमे तड़पाते है
जो चिट्ठी आती है ओ पूछे जाती है
कि घर कब आओगे -2 लिखों कब आओगे
कि तुम बिन ए घर सुना - सुना है
..............................म्यूजिक........................................
मोहब्बत वालो ने हमारे यारों ने
हमे ए लिखा है कि हमसे पूछा है.......
हमारे गाँवों ने आम की छाँवों ने
पुराने पीपल ने बरसते बादल ने........
खेत खलियानों ने हरे मैदानों ने
बसंती बेलों ने झुमती बेलों ने
लचकते झुलों ने बहेकते फूलों ने
चटकती कलियों ने और पूछा है गाँव की गलियों ने
कि घर कब आओगे -2 लिखों कब आओगे
कि तुम बिन गाँव सुना - सुना है
संदेशे आते है हमे तड़पाते है
जो चिट्ठी आती है ओ पूछे जाती है
कि घर कब आओगे -2 लिखों कब आओगे
कि तुम बिन ए घर सुना - सुना है
ओ...............................ओओ...........ओ.....................4
..............................म्यूजिक........................................
कभी एक ममता की प्यार की गंगा की
ओ चिट्ठी आती है साथ ओ लाती है.......
मेरे दिन बचपन के खेल ओ आंगन के
ओ साया आँचल का ओ टीका काजल का.......
ओ लोरी रातों में ओ नरमी हाथों में
ओ चाहत आँखों में ओ चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से मोहब्बत अन्दर से
करे ओ देवी माँ यही हर खत में पूछे मेरी माँ
कि घर कब आओगे -2 लिखों कब आओगे
कि तुम बिन आँगन सुना - सुना है
संदेशे आते है हमे तड़पाते है
जो चिट्ठी आती है ओ पूछे जाती है
कि घर कब आओगे -2 लिखों कब आओगे
कि तुम बिन ए घर सुना - सुना है
..............................म्यूजिक........................................
ओओ.............................ओओ...................................
ए गुजरनेवाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गाँव जा मेरे दोस्तों को सलाम दें........
मेरे गाँव में है ओ जो गली
जहां रहती है मेरी दिलरूबा
उसे मेरे प्यार का जाम दें -2..........
वही थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बुढ़ी माँ
मेरे माँ के पैरों को छू के तू
उसे उसके बेटे का नाम दें.........
ए गुजरनेवाली हवा जरा मेरे दोस्तों मेरी दिलरूबा
मेरी माँ को मेरा पयाम दें
उन्हें जाके तू ए पयाम दें.........
मैं वापस आऊंगा - मैं वापस आऊंगा
घर अपने गाँवों में उसी के छाँवों में
कि माँ के आँचल से गाँव के पीपल से
किसी के काजल से किया जो वादा था ओ निभाऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा - मैं एक दिन आऊंगा -4
----------------the end--------------------------